बैल की समझदारी wisely ox story in hindi

 

बैल की समझदारी  wisely ox story in hindi

एक बार की बात है एक किसान ने अपने बैल को बूढ़ा होने पर उसे मरने के लिए इधर उधर छोड़ दिया था। वह बैल  इधर उधर घूमता भटकता हुआ जंगल के रास्ते मे जा रहा था। 

वह बैल जाते जाते पूरे रास्ते अपने आप से कुछ कहता हुआ जा रहा था। वह अपने मन मे अपने मालिक को कोसता हुआ कह रहा था की मेरा मालिक भी कितना स्वार्थी था जब तक मै उसका खेत जोतता था और उसके काम के लायक था तब तक ही उसे मेरी जरुरत थी और तब तक ही उसने मुझे खिलाया पिलाया और मेरा भरपूर उपयोग किया। 

किन्तु अब जब मैं बूढ़ा हो चुका हूँ ,और मेरा शरीर कमजोर हो चुका है मुझसे काम नही हो पाता तो मेरे मालिक ने मुझे मरने के लिए घर से निकाल दिया और मुझे जंगली जानवरो के बीच यूँ अकेला छोड़ दिया।


 यह बात अपने मन मे कहते हुए और खुद को समझाते हुए वह बैल जंगल से जा रहा था। वह कह रहा था की वह एक समझदार बैल है वह अकेला ही अपना ध्यान रख सकता है और अपनी देखभाल कर सकता है। 

वह जंगल के बीच पहुँचकर कहता है की अब सबसे पहले मै अपने रहने के लिए एक गुफा देखता हूँ जहाँ पर मैं आराम से रह सकूँ। तभी कुछ दूरी पर उसे एक गुफा दिखाई देती है और वह कहता है की यह जगह मेरे रहने के लिए सही है। 

वह कहता है की भगवान मेरे ऊपर कितना मेहरबान है जिसने मुझे रहने की जगह के साथ साथ खाने पीने  लिए भी सामान जुटा दिए। 

वह बैल हसता है और अपने मन मे कहता है की किसी ने सच ही कहा है जाके राखो साइयां मार सके ना कोय। मुझे मेरे मालिक ने मरने के लिए छोड़ा था लेकिन प्रभु इच्छा के कारण मैं पहले की तरह बलशाली ही नहीं अपितु मैं अच्छा खासा तंदरुस्त भी हो गया हूँ। 

ऐसा कहकर वह प्रभु को धन्यवाद दे ही रहा था तभी वहाँ जंगल का राजा शेर घूमता हुआ उसके पास पहुँचा। 

उस शेर को देखकर वह बैल कहता है की अरे यह शेर यहाँ कैसे .... लगता है घूमते घूमते यहाँ आ पहुँचा है लेकिन अगर आज मैंने इस समय समझदारी से काम नहीं लिया तो आज मैं इसका शिकार बन जाऊँगा।  

 घूमते हुए शेर की नजर बैल पर पड़ती है और उसके मुँह मे पानी आ जाता है शेर कहता है अरे वाह इतना मोटा ताजा शिकार आज  तो मजा ही आ गया। आज कितने दिनों बाद इतना अच्छा शिकार मिला है आज तो मै पेट भर कर खाऊँगा।

तभी बैल सोचता है की अगर आज मैंने समझदारी नहीं दिखाई तो आज मैं इस शेर भोजन बन जाऊँगा। बैल बचने के लिए उपाय सोचता है और तभी जोर से चिल्लाता हुआ वह कहता है अरे भागवान जरा सुनती हो.... 

तुम तैयार रहना आज हमारे बच्चो के लिए बहुत ही अच्छा भोजन मिला है एक मोटा ताजा शेर इसी ओर आ रहा है। तुम लोग बिल्कुल भी शोर नहीं मचाना  शांत रहना नहीं तो वह शिकार हाथ से निकल जाएगा। 

शेर बैल की बाते सुनकर थोड़ा सहम जाता है कहता है अरे ये मै क्या सुन रहा हूँ ये तो इस तरह से बात कर रहा है जैसे ये मेरा शिकार नही बल्कि मै इसका शिकार हूँ। 

उधर बैल चिल्ला कर फिर से कहता है अरे ओ भागवान बस वह शिकार मेरे नजदीक ही है और मेरी ही तरफ आ रहा है। बस थोड़ा और पास आने दो उसे बस फिर मैं उसे अपने इन मजबूत सींगो से  उसे मार ही डालूँगा। 

शेर बैल की ये बाते सुनकर बुरी तरह डर से घबरा जाता है और कहता है अरे बाप रे --लगता है ये तो मुझसे भी ज्यादा खतरनाक जानवर है भागो __  भागो यहाँ से नहीं तो ये मुझे मार डालेगा। डर के मारे ऐसा कहकर शेर वहाँ से भाग जाता है।  

शेर के भाग जाने पर बैल हसता है। और उधर डर के मारे शेर भागते हुए एक सियार से टकरा जाता है। सियार कहता  है अरे सरकार ये क्या कर रहे है इस तरह से आप क्यों भाग रहे है इस तरह से कोई भागता है क्या ? 

तभी शेर गुस्से मे बोलता है सियार के बच्चे तू अपनी औकात मे रह तू ये मत समझ की मैं उस तालाब मे बैठे उस खतरनाक जीव से डर गया हूँ तो मैं तुझसे भी डर जाऊँगा।

सियार कहता  है खतरनाक जीव__ सियार हसता है और कहता है ओह समझा शेर गुस्से मैं सियार से कहता है हसना बंद कर अपना मैंने ऐसी कौन सी बात कही जो तू इस तरह मेरे ऊपर हँस रहा है।

सियार कहता  है अरे सरकार मैं तो आपकी मूर्खता पर हस रहा हूँ जिससे आप डर रहे है वह कोई खतरनाक जीव नहीं है बल्कि आपका शिकार है बैल। 

शेर कहता है मै नहीं मानता इस बात को। फिर सियार कहता  है की आप मेरे साथ चलिए मैं आपको दिखाता हूँ। डर के मारे शेर वहाँ पर  जाने से मना करता है। 

सियार कहता  है की अगर आपको इतना ही डर लग रहा है तो आप अपनी पूँछ को मेरी पूँछ से बाँध दीजिये मैं आगे रहूँगा और यदि वो जानवर कुछ नुकसान करता है तो पहले मेरा करेगा। शेर कहता है ठीक है और उसके साथ वह बैल के पास दुबारा वापस आ जाते हैं। 

बैल उन दोनों को  देख कर  सोचता है अरे ये तो फिर दुबारा आ गया और साथ मे वो धूर्त सियार भी है। लगता है सियार ही शेर को यहाँ लेकर आया है। 

बैल फिर दुबारा चालाकी से काम लेता है और कहता है आओ सियार मैंने तो तुझे दो शेर लाने को कहा था पर मूर्ख बद्तमीज तू एक ही शेर लेकर आया है मेरे लिए। 

इतना सुनकर शेर सियार से कहता  है सियार के बच्चे ये क्या माजरा है ___सियार कहता  है कुछ नहीं सरकार अरे हुजूर मेरे भी समझ मे कुछ नही आ रहा है 

बैल फिर चिल्लाता है अरे ओ सियार इस मरे हुए शेर से तो मेरे बच्चो का पेट भी नहीं भरेगा। शेर कहता है अबे सियार के बच्चे तू इसके साथ मिलकर मुझे मार डालना चाहता था तुझे तो मैं बाद मे देख लूँगा। 

ऐसा कहकर शेर वहाँ से दुबारा भाग लेता है और सियार उसके पीछे पीछे भागता है। इन दोनों को वहाँ से भागता हुआ देखकर बैल बहुत जोरो से हसता है। 

सीख :- इस कहानी से हमे यह शिक्षा मिलती है की हमारे सामने जब भी कभी कोई विपरीत परिस्तिथि आती है तब उस समय हमारे घबराने से काम नहीं चलता बल्कि उस समय हमें अपनी बुद्धि से काम लेना चाहिए।  

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