एक बार एक लोमड़ी बहुत भूखी थी। वह खाने की तलाश में इधर – उधर भटक रही थी लेकिन उसे कही पर भी खाने को कुछ नहीं मिल रहा था। अंत में थक हारकर वह एक बाग़ में पहुँच गयी।
वहां उसने अंगूर की एक बेल देखी। जिसपर अंगूर के गुच्छे लगे हुए थे। वह उन अंगूर के गुच्छों को देखकर बहुत खुश हुई। उसने सोचा की यदि मैं इन अंगूर के गुच्छे को तोड़कर खा लूँ तो मेरी भूख शांत हो जाएगी।
वह उन अंगूरों को खाना चाहती थी, पर अंगूर बहुत ऊँचे थे। वह अंगूरों को पाने के लिए ऊँची – ऊँची छलांगे लगाने लगी। परन्तु वह उन तक न पहुँच सकी। ऐसा करते – करते वह बहुत थक चुकी थी।
अंत मे जब उसे लगा की वह उन अंगूरों को नहीं तोड़ पाएगी तो वह बाग से बाहर जाते हुए कहने लगी कि अंगूर खट्टे है अगर मैं इन्हें खाऊँगी तो बीमार हो जाउंगी।
सीख :- इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है की व्यक्ति को किसी भी कार्य को करने के लिए हमेशा प्रयासरत रहना चाहिए। उसे कभी भी कार्य की असफलता के लिए दूसरो को दोषी नहीं ठहराना चाहिए। कोई भी कार्य असंभव नहीं होता है। यदि कोई कार्य हमसे नहीं हो पा रहा है तो इसका मतलब यह नहीं है की उस कार्य मे कोई गलती है। अपितु उस कार्य को पूरा करने के लिए हमें अपनी पूरी ताकत लगा देनी चाहिए। ऐसा करने से उस कार्य मे हमें जरूर सफलता मिलेगी।
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